पाक अधिकृत कश्मीर में चीन की गतिविधियों पर भारत को आपत्ति  चीन के राष्ट्रपति हु जिंताओ के साथ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी का फाइल फोटो
नयी दिल्ली, 14 अक्तूबर: पाक अधिकृत कश्मीर में जारी परियोजनाओं में चीन की शिरकत पर विरोध जताते हुए भारत ने चीन से दोनों देशों के दीर्घकालिक रिश्ते को देखते हुए इन गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है।
अरुणाचल प्रदेश में कल हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के दौरे का चीन द्वारा विरोध जताने के ठीक एक दिन बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने चीन के राष्ट्रपति हू जिंताओ के उस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है जिसमें कहा गया था कि चीन पाक अधिकृत कश्मीर में जारी परियोजनाओं में भागीदारी करना जारी रखेगा ।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विष्णु प्रकाश ने एक बयान में कहा, ‘‘पाकिस्तान 1947 से ही भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य के एक हिस्से पर कब्जा किए हुए है । चीन भारत की स्थिति और पाक अधिकृत कश्मीर में जारी परियोजनाओं में चीन की संलिप्तता से उपजी उसकी चिंता से भलीभांति वाकिफ है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि चीन दोनों देशों के रिश्ते को दीर्घकालिक नजरिए से देखेगा और पाकिस्तान द्वारा अवैध तरीके से कब्जा किए हिस्से में जारी इन गतिविधियों पर रोक लगाएगा।’’ उल्लेखनीय है कि कल चीन के राष्ट्रपति हू जिंताओ और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री युसुफ रजा गिलानी की मुलाकात के दौरान जिंताओ ने दोनों देशों को एक दूसरे से जोड़ने वाले काराकोरम मार्ग के स्तर में सुधार करने की एक महत्वाकांक्षी परियोजना और पाक अधिकृत कश्मीर में नीलम-झेलम पनबिजली परियोजना में भी मदद करने का आश्वासन दिया है।
जिंताओ ने कहा, ‘‘बेशक अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियां बदल रही हैं लेकिन पाकिस्तान और चीन के लोग हमेशा आपस में हृदय से जुड़े रहे हैं।’’
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